गुम हूँ मैं, मुझे खोज ले तू
फिर वही रस्ता रोज़ ले तू
कतरा कतरा ज़हर भरा है
दम लगा निचोड़ ले तू
सीने में जो बर्फ़ जमीं है
पिघला मुझे मोड़ ले तू
कोई कशिश खिंचती नहीं
तड़पा मुझे तोड़ दे तू
तिनका तिनका जोड़ मुझे
चादर बना ओड़ ले तू
अफ़सोस मगर मैं हूँ वही
फिर ज़रा सोच ले तू
रख हथेलियाँ आँखों पर
उसी रस्ते छोड़ दे तू